12 June 2010

गिरता कोई है और कमर किसी की टूटती है

मुल्‍ला एक मस्‍जिद के नीचे से गुजर रहा है और एक आदमी मस्‍जिद के ऊपर से गिर पडा। अजान पढने चढ़ा था। मीनार पर, ऊपर से गिर पडा। मुल्‍ला के कंधे पर गिरा। मुल्‍ला की कमर टूट गई। अस्‍पताल में मुल्‍ला भर्ती है, उसके शिष्‍य उसको मिलने गए और शिष्‍यों ने कहा, मुल्‍ला इस र्दुघटना से क्‍या मतलब निकलता हे। आऊ डू इन्‍टरप्रीट इट इस घटना की व्‍याख्‍या क्‍या है? क्‍योंकि मुल्‍ला हर घटना की व्‍याख्‍या निकालता था। आगे पढें…………

8 comments:

  1. कर्म और फल का अटूट रिश्ता है तथा इसे कोई नहीं टाल सकता यहाँ तक की भगवान और अल्लाह भी नहीं ...जिसे विश्वास ना हो वह अपने कर्मों की सच्ची लेखा जोखा करके देख ले ....

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  2. bhut bda prshn upsthit kiya hai thode shbdon me itna kuchh khna aasan nhi hai
    aap ne kha hai
    ved vyathit

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  3. फ़ल तो कर्मो का ही मिलता है सबूत आप अपने आस पास देख सकते है, आज कल के गुरु क्या जाने???

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  4. गिरने वाले को किस ने बचाया? मुल्ला जी की हड्डी ही क्यो टुटी??? लेकिन बिल किस ने अदा किया:)

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  5. अद्‌भुत,ओशो को पढ़ना और सुनना एक अलग आनंद है। धन्यवाद

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  6. बहुत सही .. कर्म का फल तो भुगतना ही होगा !!

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  7. मैं कहूँगी ...कर्मण्ये वाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचन ...!!

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